नवग्रह शांति मंत्र – Navgrah Shanti Mantra 108 Times

वैदिक शास्त्र में नवग्रह शांती तथा जीवन मे सुख समृद्धी व शांती लाने के अनेक उपाय बताये गये है ज्यादा तर स्थितियों में धार्मिक अनुष्ठान का सहारा एवम ब्राह्मण पंडित की सेवा लेणी प्रयोजनीय हो जाती है। हमने इस सब मेसेज नवग्रह शांति के सबसे सहज तथा सुंदर उपाय को चुना है।

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी नवग्रह शांति मंत्र:

नवग्रह शांति मंत्र

ॐ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी
भानू शशी भूमी सुतो बुधश्च
गुरुश्च शुक्र: शनी राहू केतव:
सर्वे ग्रहा शांती करा भवन्तु |
सर्वे ग्रहा शांती करा भवन्तु
||

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी मंत्र १०८ बार

ग्रह और ऊनकी शक्ति

  • सूर्य मे नियंत्रित संमोहित आकर्षित और ऊर्जा प्रदान करने की शक्ती है।
  • चंद्र मे शरणागत समर्पण शांती तथा हर्षदायक शक्ती है।
  • मंगल मे कार्य अभिप्रेरणा तथा परिवर्तन कार्य शक्ति है
  • बुद्ध मे अभिव्यक्ती अहमान मार्गदर्शन तथा शिक्षण की शक्ती है।
  • बृहस्पती मे विस्तार बंधन मुक्ती परस्पुरन तथा विकास शक्ती है।
  • शुक्र में प्रेम हर्ष संबंधता तथा पूर्णता की शक्ती है।
  • शनि मे विलंब बाधा नियंत्रण तथा अविनाश करने की शक्ती है।
  • राहू मे धुमिल करने छिपाने बचाने और तयार करने की शक्ती है।
  • केतू मे अहुती देणे विनाश एवं परिवर्तन करने की शक्ती है।

आदि काल से मानव स्वर्ग की कामना करता आया है मनुष्य को सदा से ये बोध तथा ज्ञान रहा है चे आकाशीय पिंड विशेषकर नवग्रह उसके जीवन को प्रभावित करने की शक्ती रखते है आधुनिक विज्ञान ने भी यह स्वीकार किया है की सूर्य चंद्र तसा ग्रहो मे हमारे भावना तथा हित को प्रभावित करने की क्षमता होती है

नवग्रह शांति मंत्र PDF

tripura Navgrah Shanti Mantra - ॐ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी
PDF Nameब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी PDF
No. of Pages2
PDF Size1.6 MB
LanguageHindi
PDF CategoryHindu PDF
Last UpdatedSeptember 2, 2023
Source / CreditsNA
Uploaded ByPDF-TXT.COM

Also Read This:


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *